गेहूं की फसल पर जलवायु संकट का सामना करने में भारत की तैयारी पाकिस्तान से बेहतर, इस साल रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान
Wheat Crop: कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि हालांकि, भारत जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के लिए पड़ोसी देश की तुलना में बेहतर ढंग से तैयार है. उन्होंने बताया कि भारत ने बीज की कई स्वदेशी गर्मी प्रतिरोधी और कम अवधि वाली किस्में विकसित की हैं.
Wheat Crop: भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों में मौसम की अनुकूल स्थिति उन्हें इस साल रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन (Wheat Production) हासिल करने में मदद कर रही है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि हालांकि, भारत जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के लिए पड़ोसी देश की तुलना में बेहतर ढंग से तैयार है. उन्होंने बताया कि भारत ने बीज की कई स्वदेशी गर्मी प्रतिरोधी और कम अवधि वाली किस्में विकसित की हैं.
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक
भारत दुनिया का दूसरा और पाकिस्तान आठवां सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है. जहां भारत गेहूं उत्पादन में आत्मनिर्भर है, वहीं पाकिस्तान 20-30 लाख टन गेहूं आयात करता है. घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान के अभी भी आयात पर निर्भर है. इसकी एक बड़ी वजह उसका जलवायु-अनुकूल स्वदेशी किस्मों को विकसित नहीं कर पाना है.
गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान
फिलहाल दोनों देशों में गेहूं की फसल की कटाई चल रही है. भारत का अनुमान है कि फसली वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में गेहूं उत्पादन 11.4 करोड़ टन के नए रिकॉर्ड तक पहुंचेगा. दूसरी ओर पाकिस्तान ने 3.22 करोड़ टन पैदावार का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है.
TRENDING NOW
कमजोर बाजार में खरीद लें जीरो डेट कंपनी वाला स्टॉक! करेक्शन के बाद बन सकता है पैसा, छुएगा ₹930 का लेवल
गिरते बाजार में कमाई कराएंगे ये शेयर! इंट्राडे से लेकर एक साल के नजरिए तक...एक्सपर्ट ने चुने ये स्टॉक्स
ये भी पढ़ें- पीली मटर इम्पोर्ट पर सरकार का बड़ा फैसला, 2 महीने के लिए बढ़ाई समय सीमा, जानिए डीटेल
जहां दोनों देश 2010 से गेहूं की फसल पर जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव का सामना कर रहे हैं, वहीं चालू वर्ष असाधारण रूप से अनुकूल रहा है. इस दौरान न तो गर्म हवा देखने को मिली और न ही फसल को प्रभावित करने वाली बेमौसम बारिश हुई.
इस साल मौसम अनुकूल
आईसीएआर-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (ICAR-IIWBR) के डायरेक्टर ज्ञानेंद्र सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया, इस साल मौसम अनुकूल है. मध्य जनवरी और फरवरी की महत्वपूर्ण अवधि के दौरान, गरम हवा और बेमौसम बारिश की कोई घटना नहीं हुई. हम भारी पैदावार की उम्मीद कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें- इस तकनीक से मक्का फसल उपजाएं, कम लागत में कमाएं बंपर मुनाफा
जलवायु-अनुकूल गेहूं की किस्म की बुआई
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नए बीजों की उपलब्धता और किसानों के बीच अधिक जागरूकता के कारण इस साल गेहूं के कुल रकबे के 80 फीसदी से अधिक में जलवायु-अनुकूल गेहूं की किस्मों को बोया गया है.
04:46 PM IST